Sunday, 4 November 2012

डेंगू से बचाव और इलाज


डेंगू से बचाव और इलाज


हर वर्ष विशेष रूप से बरसात के मौसम में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है।  कुछ समय पहले तक तो लोग डेंगू नाम की बीमारी को जानते तक ना थे पर हाल के कुछ वर्षो मे यह बीमारी दिन – प्रतिदिन बढ़ती  जा रही है. यह एक बहुत ही खतरनाक बीमारी  है जिसमे समय रहते ध्यान देने की और सही ढंग से इलाज करवाने की आवश्यकता है ; अन्यथा इसके परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं।  .
सबसे बड़ी बात यह है कि इस बीमारी के बाद स्वस्थ होने में बहुत समय लगता है।  यह बीमारी  शरीर को बुरी तरह से तोड कर रख देती है।   हाथ पैरो मे सूजन  होना उनका ऐठना और कमजोरी का बना रहना लगा ही रहता है। ही रहती है.
यहाँ डेंगू से बचने और डेंगू होने पर कुछ  आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियो के बारे मे बता रहा हूँ. डेंगू से बचने के किये इनको अमल  मे लाना चाहिये.  डेंगू मे पपीते के पत्ते का रस, बकरी का दूध, गिलोय का काढ़ा और एलोबेरा/घ्रत कुमारी या ग्वार पाठा  का सेवन बहुत लाभकारी होता है.
गिलोय: यह एक तरह की बेल होती है .जो की उत्तर भारत मे बहुतायत लगी होती है.  इसकी बेल  की लकड़ी परचून, किराने की दुकान मे मिल जाती है. इसको पानी मे खूब उबाल कर  एक- दो चम्मच प्रतिदिन  आजकल पीना चाहिये.



एक पौधा , जिसे आयुर्वेद में  घृत कुमारी कहते हैं , आम बोल - चाल  की ग्रामीण भाषा में ग्वार पाठा, और शहर की  भाषा में लोग इसे एलोबेरा के नाम से जानते हैं।  इसको प्रयोग करने के लिए इसके ऊपर के हरे छिलके को चाकू से छील कर निकाल दे उसके बाद  अंदर के पारदर्शी गूदे को जल के साथ सेवन करना चाहिए।  एक बार में कम से कम दो से तीन इंच लेना चाहिए।  दिन में दो से तीन बार सेवन करने से ब्लड प्लाज्मा तेजी से बढ़ने लगते हैं।
डेंगू होने पर निम्नलिखित उपाय करना चाहिये. डेंगू के मरीज को बहुत जल्द फायदा पहुंचता है.



पपीता : पपीते के पत्ते का रस दिन मे दो- तीन बार , एक - एक चम्मच , डेंगू  ग्रस्त मरीज को पिलाना चाहिये. इसका रस कड़वा अवश्य होता है. परन्तु फायदा बहुत तेजी से  करता है।  

यूँ तो बकरी का दूध शहरो में  मिलना मुश्किल है परन्तु हो सके तो बकरी का दूध: डेंगू ग्रस्त मरीज को  नियमित देना चाहिये.यह  डेंगू को कंट्रोल करने में बहुत मदद करता है।
गिलोय की बेल की लकड़ी का काढ़ा बना कर दिन मे दो - तीन बार पिलाना चाहिये.
आजकल डाक्टर भी इन्ही चीजो पर ज्यादा विश्वास कर के मरीज को अपनी दवाईयो के साथ साथ इनका सेवन करने की सलाह देते हैं. अगर कोई उपरोक्त चीजो का प्रयोग करता है तो उसे निश्चित फायदा होता है.

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