Wednesday, 24 July 2013

मीर जाफर और जयचंद

आज एक महत्वपूर्ण समाचार न्यूज पेपर में प्रकाशित हुआ कि 40  लोकसभा के सदस्यों ने एवं 25 राज्य सभा के सदस्यों ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को ज्ञापन  फैक्स से प्रषित किया है कि  गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी को अमेरिका में जाने के लिए वीजा न दे। 
अचंभित करने वाला यह समाचार है कि कैसे इस देश के नागरिक दूसरे देश से अपने देश के नागरिक के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्हें अपने देश  में न घुसने देने  की प्रार्थना कर रहे हैं।वह भी एक  मुख्य मंत्री के लिए। 
यह लोग भी जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि हैं और मुख्य मंत्री भी जनता के द्वारा चुना  गया प्रतिनिधि होता है। वह एक विशाल राज्य को प्रतिनिधि  होता है। यह लोग एक विदेशी व्यक्ति से उसकी शिकायत कर रहे हैं। उसके खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। कितने शर्म की बात है कि केन्द्रीय सत्ता मूक बनी हुई है। इस तरह की घिनौनी हरकत पर जनता चुप क्यों है। यह तो देशद्रोही की श्रेणी का अपराध यह लोग कर रहे हैं। 
जयचंद ने क्या किया था। इन लोगो में और जयचंद में क्या अंतर है। उसने भी एक विदेशी से अपने देश के राजा  के खिलाफ आवाज उठाई थी। यह लोग उसी के नक्शोकदम पर चलते हुए वही सब कर रहे हैं। 
कौन कहता है कि मीर जाफर और जयचंद मर चुके हैं। यह कल भी थे,  आज भी हैं और कल भी रहेंगे। 

यह देश एक नहीं कई मीर जाफर और जयचंद से भरा हुआ है। 

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