माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज
मेरी जानकारी में कुछ एक ऐसे नुस्खे हैं जिनसे माइग्रेन से छुटकारा पाया जा सकता है। आयुर्वेदिक पद्धति से माइग्रेन के रोगी बहुत आसानी से ठीक हो जाते हैं।
१. घरेलू उपचार में देशी गाय का ताजा घी सुबह-शाम दो बूंद नाक में रुई से टपकाने से इस रोग में आराम होता है।
२. पिसी हुई सफ़ेद मिर्च चौथाई चम्मच से भी कुछ कम , मिश्री या चीनी आधा चम्मच , देशी घी आधा चम्मच , इन तीनो को मिला कर सुबह नाश्ते से पहले खाये। साथ में दूध या चाय भी ले सकते हैं। पहले दिन से ही आराम महसूस होना शुरू हो जायेगा। लगभग 10 से 15 दिन तक प्रयोग में ले।
३. पोस्त दाना अर्थात खसखस एक चम्मच , 7 -8 मुनक्का बीज निकाल कर , तरबूज के बीज एक चम्मच। इन तीनो को रात में पानी में भीगा दे। सुबह सिलबट्टे पर पीस ले। किसी छोटी कढ़ाई या पैन में एक चम्मच देशी घी डाल कर , हल्का सा भून कर दूध के साथ सुबह नाश्ते से पहले खाए।
४. सप्तामृत लौह किसी अच्छी आयुर्वेदिक दवाई बनाने वाली कम्पनी का ले। एक से दो रत्ती , अगर गोली में है तो दो गोली सुबह -शाम देशी घी के साथ लेने से सभी तरह के मस्तिष्क विकारो से छुटकारा मिल जाता है।
५. सुबह - सुबह योग करे , विशेष रूप से अलोम - विलोम
६. अगर कब्ज की शिकायत रहती है तो एक चम्मच भर कर त्रिफला चूर्ण हलके गुनगुने जल से रात को सोने से पहले ले।
यूं तो और बहुत से नुस्खे हैं परन्तु मै समझता हूँ कि इनमे से कोई एक - या दो को भी अगर अमल में लाएगा तो निश्चित रूप से उसे इस व्याधि से छुटकारा मिल सकता है।
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